Religious News – भक्ति और सेवा के संस्कार इस शहर की मिट्टी में रचे-बसे हैं : संत रामशरणदास

sadbhawnapaati
2 Min Read

गणेश नगर में चल रहे रामकथा ज्ञान महोत्सव के समापन पर प्रज्ञाचक्षु संत को विदाई
Religious News. देश के सबसे साफ-सुथरे शहर इन्दौर में सेवा और भक्ति की रसधारा निरंतर प्रवाहमान बनी रहती है। देवी अहिल्या की इस नगरी की मिट्टी में ही भक्ति और सेवा के संस्कार रचे-बसे हुए हैं। महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर की निकटता का पुण्य लाभ भी यहां के लोगों को मिल ही रहा है। विंध्यांचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसे इस शहर की जितनी प्रशंसा की जाए, कम ही होगी। यहां जो एक बार आता है, यहीं का होकर रह जाता है। यह अपनापन कहीं और देखने को नहीं मिलता।
वृंदावन के प्रज्ञाचक्षु संत मानस मर्मज्ञ स्वामी रामशरणदास महाराज ने अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में यह बातें कही। वे बर्फानी धाम के पीछे स्थित गणेश नगर में माता केशरबाई रघुवंशी धर्मशाला पर आयोजित नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव के समापन पर अपने सम्मान के बाद भक्तों को संबोधित कर रहे थे। प्रारंभ में आयोजक तुलसीराम रघुवंशी, संयोजक रेवतसिंह रघुवंशी, अ.भा. क्षत्रीय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठा. विजयसिंह परिहार, पप्पूसिंह ठाकुर, इंदरसिंह गौर, विक्की ठाकुर, अमीष निगम आदि ने विद्वान वक्ता को शाल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यज्ञ, हवन एवं मानस पूजन के साथ कथा का विराम हुआ। इस अवसर पर नर्मदा तट से आए अनेक साधु-संत भी मौजूद थे।
Share This Article