योग : वक्रासन से शरीर बनता है मजबूत और लचीला

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sadbhawnapaati
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Health Tips. योग भारत की प्राचीन परंपराओं में से एक है। इससे आपको कई शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं। योग के अंतर्गत किए जाने वाले आसन किसी एक समस्या पर फोकस न करके समग्र स्वास्थ्य को अच्छा करने के लिए जाने जाते हैं।

ऐसा ही एक आसन वक्रासन है, जिसकी मदद से आप अपने शरीर को मजबूत और लचीला बना सकते हैं। इससे आपका पाचन तंत्र सही रहता है और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। वक्रासन के अभ्यास से आपकी रीढ़ की हड्डियां मजबूत होती है हैं और बॉडी को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। इसका अभ्यास आप सुबह या शाम के समय भी कर सकते हैं। इससे आपको ऑफिस या दिनभर की थकान को दूर करने में मदद मिलती है। वक्रासन के अभ्यास से तनाव को दूर करने में भी मदद मिलती है। आइए इसके फायदे और करने के सही तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं।

वक्रासन के फायदे

1. वक्रासन का नियमित अभ्यास करने से और टोन होते हैं। इससे पेट की मांसपेशियां भी मजबूत होती है।
2. शरीर को लचीला बनाने के लिए वक्रासन का अभ्यास काफी फायदेमंद होता है। इससे रीढ़ की हड्डियां लचीली होती हैं। गर्दन और कंधे भी मजबूत होते हैं।
3. इससे शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता मिलती है। बाहर के खानपान की वजह से शरीर के अंदर जमा टॉक्सिन्स इस आसन के अभ्यास से आसानी से बाहर निकाले जा सकते हैं।
4. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज या शरीर में भारीपन की दिक्कत नहीं होती है।
5. वक्रासन के अभ्यास से शरीर की थकान दूर होती है। साथ ही साइटिका की समस्या में आराम मिलता है। इसका अभ्यास आप रोज कर सकते हैं।
6. बॉडी फैट को कम करने के लिए भी आप वक्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे पेट की चर्बी भी कम होती है।
7. तनाव को दूर करने के लिए आप इसका अभ्यास जरूर करें।

वक्रासन करने का सही तरीका

1. सबसे पहले योग मैट पर दंडासन की अवस्था में बैठ जाएं।
2. हल्का सा हाथों से जमीन को दबाएं और सांस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को सीधा करें।
3. फिर बाएं पैर को मोड़ें और दाएं घुटने के ऊपर से बाएं पैर को जमीन पर रखें।
4. अब दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं कूल्हे के निकट जमीन पर रखें।
5. बाएं पैर के ऊपर से दाहिने हाथ को लाएं और फिर बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें।
6. श्वास छोड़ते हुए ऊपरी शरीर को जितना संभव हो उतना मोड़ें।
7. अब गर्दन को घुमाएं, जिससे कि बाएं कंधे पर दृष्टि केंद्रित कर सकें।
8. बाएं हाथ को जमीन पर टिका लें और सामान्य रूप से श्वास लें।
9. इस मुद्रा में 30-60 सेकेंड के लिए रहें और फिर प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
10. यह सारे स्टेप्स फिर दूसरी तरफ भी दोहराएं।

सावधानी

1. या पैरों में दर्द होने पर आप ये आसन न करें।
2. डायरिया या अस्थमा होने पर भी इसका अभ्यास न करें।
3. गर्दन या कंधे में दर्द होने पर इसे न करें।
4. घुटने में दर्द या आर्थराइटिस होने पर दीवार के सहारे ही अभ्यास करें।
5. दिल और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ये आसन न करें।
6. शुरुआत में वक्रासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें।

निष्कर्ष: आपको किसी भी योगासन को करते समय अपनी हेल्थ कंडीशन्स का ध्यान जरूर रखना चाहिए। साथ ही बिना एक्सपर्ट की सलाह के आपको किसी भी योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

 

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