बर्फानी दादा नहीं रहे, मेहंदीपुर बालाजी में दी जाएगी समाधि |
देश के मशहूर संतों में से एक योगाधिराज ब्रम्हर्षि लाल बिहारी दास जी उर्फ बर्फानी दादा का निधन हो गया।
उन्होंने 23 दिसंबर की रात गुजरात के अहमदाबाद में अंतिम सांस ली। बता दें कि संत लाल बिहारी दास को उनके भक्त बर्फानी दादा के नाम से ही पुकारते थे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पाताल भैरवी मंदिर की नींव रखी थी और वह इस शक्तिपीठ के प्रमुख थे। बर्फानी दादा के निधन की खबर मिलने के बाद गुरु परिवार और भक्तों में शोक व्याप्त है।
जानकारी के मुताबिक, बर्फानी दादा को राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में 25 दिसंबर को दोपहर दो बजे समाधि दी जाएगी। मेहंदीपुर बालाजी में बर्फानी दादा का आश्रम है, जहां अंतिम संस्कार का कार्यक्रम होगा।
बर्फानी दादा के निधन की खबर मिलने के बाद बर्फानी सेवाश्रम समिति के अध्यक्ष राजेश मारू सहित आश्रम के अन्य सदस्य मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हो गए हैं।
मां पाताल भैरवी मंदिर और बर्फानी सेवाश्रम समिति के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा के मुताबिक, इंदौर के मालवीय नगर में बर्फानी दादा का बर्फानी धाम है।
इस धाम के जिस कक्ष में बर्फानी दादा भक्तों से मुलाकात करते थे और आशीर्वाद देते थे, उसी कक्ष में पुष्पांजलि की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि हर साल शरद पूर्णिमा के दिन बर्फानी धाम से औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है। उस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए देश-विदेशों से लोग बर्फानी धाम आते हैं।
भक्तों का दावा है कि बर्फानी दादा की उम्र सैकड़ों वर्ष थी, लेकिन इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
गौरतलब है कि बर्फानी दादा की प्रेरणा से इंदौर में जड़ी-बूटियों पर आधारित औषधालय भी चलता है, जहां निशुल्क दवाई दी जाती है। इस आश्रम की व्यवस्था महामंडलेश्वर भरतदास बर्फानी देखते हैं।
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