शनि जयंती पर 10 मंत्रों से खोलें सफलता के सुनहरे द्वार 10 और जून को है साल का पहला सूर्य ग्रहण, क्या इससे राशियां होंगी प्रभावित ?

sadbhawnapaati
3 Min Read

गुरुवार को शनि जयंती है। शनि जयंती या प्रति शनिवार इन विशेष मंत्रों के जाप से यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ प्रगति के द्वार खुलते हैं। किसी एक मंत्र का चयन करें और अवश्य जपें….

1. ॐ शं शनैश्चराय नम:

2. ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:

3. ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।

छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।

4. सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द

मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:

5. ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा:

6. शनि स्तोत्र

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

नमस्ते कोणसंस्‍थाचं पिंगलाय नमो एक स्तुते

नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमो ए स्तुत

नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च

नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो

नमस्ते मंदसज्ञाय शनैश्चर नमो ए स्तुते

प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च

कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रौदोए न्तको यम:

सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:

एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय ए पठेत्

शनैश्चरकृता पीडा न कदचित् भविष्यति

7. वैदिक शनि मंत्र: ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

8. ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभिये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्

9. ॐ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

10. कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।

इसके अलावा नित्य प्रातः शनिदेव के दस नामों का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगने जा रहा है और उस दिन अमावस्या होने के कारण इस ग्रहण का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन शनि जयंती भी होगी और शनि वक्री चाल चल रहे होंगे। ज्योतिष में सूर्य व शनि को पिता पुत्र माना जाता है और सूर्य ग्रहण के समय शनि का वक्री होना शनि का प्रभाव बढ़ाने वाला होगा। लिहाजा जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया चल रही है, उन्हें खासतौर पर सावधान रहना होगा। इस ग्रहण के समय मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। उस समय मंगल कर्क राशि में , राहु, बुध , सूर्य व चंद्रमा वृषभ राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में, शनि मकर राशि में व केतु वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे होंगे। 10 जून गुरुवार को लगने जा रहा साल का यह पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक दोपहर करीब 1:42 पर शुरू होकर शाम 6:41 पर खत्म होगा। 5 घंटे के इस ग्रहण में 3 मिनट 48 सेकंड तक वलयाकार स्थिति बनेगी।

 [/expander_maker]

Share This Article