National News – महासंकट: अपनी ‘लड़ाई’ खुद लड़े अफगानिस्तान, अमेरिका ने किसी भी तरह की मदद से किया इंकार

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते हमले के कारण स्थिति खतरनाक होती जा रही है। यहां के नागरिकों में दहशत का माहौल है। ऐसे में अफगानिस्तान को अमेरिका से मदद की सबसे अधिक उम्मीद थी लेकिन अब राष्ट्रपति बाइडन ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। दरअसल जो बाइडन अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर तालिबान के बढ़ते नियंत्रण के बावजूद अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की स्वदेश वापसी के फैसले पर अडिग हैं और वे इसमें किसी भी तरह से बदलाव के मूड में नहीं हैं।

व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन ने 11 सितंबर तक अफगानिस्तान के युद्धग्रस्त क्षेत्र से अपने सभी बचे सैनिकों को वापस बुलाने के आदेश दिए हैं। हालांकि अब तक 90 फीसदी से अधिक अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो चुकी है।

बाइडन ने अपने इस फैसले पर कहा कि देखिए, हमने 20 वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए हैं। हमने 300,000 से अधिक अफगान बलों को प्रशिक्षित और सुसज्जित किया। हमने हजारों अमेरिकी सैनिकों को खो दिए। अफगानिस्तान को अब अपने देश के लिए खुद लड़ना होगा और इसके लिए अफगान नेताओं को साथ आना होगा।

वहीं इससे पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था, जिन्होंने 11 सितंबर को उन पर हमला किया था, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करने वाले आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके। हमने कुछ साल पहले उन उद्देश्यों को हासिल किया।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से हर दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में तालिबानी लड़ाकों का कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के पांच प्रांत की राजधानियों पर अपना कब्जा जमा लिया है जिसके कारण लोगों के बीच दहशत का माहौल है। वहीं भारतीय दूतावास सुरक्षा के मद्देनजर अपने नागरिकों से भारत लौटने की अपील कर रहा है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।