घर में है ”तुलसी” तो इस बात को भूलकर भी न करें नजरंदाज, आर्थिक दरिद्रता से तबाह हो जाएगा घर-परिवार शास्त्रों में तुलसी का महत्व विशेष तौर पर स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद में तुलसी को औषधीय गुणों वाला माना है। तुलसी धर्म से जुड़ा हुआ है, मान्यताओं के अनुसार तुलसी की पूजा हर रोज नियमित रूप से जिन घरों में होती है यमदूत वहां पर कभी प्रवेश नहीं करते। इसके अलावा सुख और समृद्धि घर में बनी रहती है। इसलिए इसे लगाने और इसकी पूजा में सावधानियां बरतने की जरूरत होती है।
तुलसी के पौधे का महत्व हिंदू धर्म के अनेक ग्रंथों और पुराणों में बताया गया है। तुलसी के पौधे की कई विशेषताएं पद्मपुराण, ब्रह्मवैवर्त, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण और गुरुड़ पुराण में बताई हैं। तुलसी की पूजा आज हर हिन्दू परिवार में होती है। हिन्दू परिवारों में तुलसी लगाने और उसकी पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।परंतु कुछ बातें ऐसी हैं जिसे जानकार भी अनदेखा करते हैं। परिणामस्वरूप परिवार में अनावश्यक कलह, दरिद्रता, आर्थिक तंगी, पति-पत्नी में झगड़ा आदि प्रायः होते रहते हैं। पुराणों में बताया गया है कि तुलसी का पौधा घर के आंगन में लगाने से और देखभाल करने से इंसान के पहले के जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। वास्तु के अनुसार तुलसी को ईशान कोण यानि पूरब और उत्तर के कोण में लगाना उत्तम माना गया है। इसके अलावे पूरब और उत्तर की दिशा में भी तुलसी लगा सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में तुलसी का पौधा दक्षिण दिशा को छोड़कर किसी भी दिशा में लगा सकते हैं। लेकिन दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाना बहुत नुकसान देने वाला माना गया है। साथ ही यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि तुलसी के आसपास कोई भी अन्य पौधा नहीं रहे। वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे के आस-पास अन्य पौधों का होना अशुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के आसपास घास या अन्य पौधा घर में दरिद्रता की स्थिति पैदा करता है।
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